“हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा!”—जब जीवन के कठिन दौर में कोई राह नहीं सूझती, जब अंधकार घेर लेता है और मन निराशा में डूबने लगता है, तब एक ही नाम मन को संबल देता है—बाबा खाटू श्याम जी!
भक्तों की हर पुकार सुनने वाले और संकट के समय रक्षा करने वाले बाबा श्याम को समर्पित यह भजन उनकी कृपा, श्रद्धा और भक्त के अटूट विश्वास का प्रतीक है।
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अंधेरों की नगरी से,
कैसे मैं पार जाऊं?
श्याम अब लेने आजा,
हौसला हार ना जाऊं।
तीन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।
तूफानों ने घेर लिया,
मुझे राह नज़र ना आवे,
तुम बिन कौन मेरा जो,
मेरी बांह पकड़ ले जावे।
भटक रहा राहों में,
बाबा पार लगाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना।।
किसको रिश्ते गिनवाऊँ,
किसे जात बताऊँ मैं?
क्या-क्या ज़ख्म दिए जग ने,
किसे घात दिखाऊं मैं?
बिन कुछ पूछे श्याम हमारा,
कष्ट मिटाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना।।
अनजानी नगरी में सब,
अनजाने लगते हैं,
हम तो तेरी याद में,
रो-रो रातें जगते हैं।
बहता इन आँखों से बाबा,
नीर थमाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना।।
कृष्ण को जिसने दान दिया,
उस दानी के आगे,
हमने सुना तेरे नाम लिए से,
संकट सब भागे।
छोटू की विपदा को बाबा,
आग लगाओ ना,
तीन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना।।
अगर आप भी बाबा श्याम जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो सच्चे मन से इस भजन को गाइए और उनके चरणों में समर्पण कीजिए। बाबा आपकी हर मनोकामना पूरी करेंगे!
“जय श्री श्याम! हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा!”