बाबा श्याम का पीलावस्त्र (बगा) – श्रद्धा और आस्था का दिव्य प्रतीक

बाबा खाटू श्याम का नाम स्वयं ही भवसागर से पार लगाने वाला है। जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से बाबा का नाम लेता है, उसके जीवन की सभी परेशानियाँ धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। निराश मन में आशा का संचार होता है और बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। लेकिन बाबा श्याम के नाम के अलावा भी एक ऐसी चीज़ है, जो भक्तों के लिए अत्यंत फलदायक मानी जाती है। यह चीज़ पूरे वर्ष बाबा श्याम से जुड़ी रहती है और इसे प्राप्त करने वाले को अत्यधिक सौभाग्यशाली माना जाता है। इस वस्त्र का नाम है बागा।

बाबा खाटू श्याम का बागा क्या होता है?

बागा बाबा श्याम द्वारा धारण किया जाने वाला वस्त्र है। यह मुख्यतः पीले या बसंती रंग का एक विशेष कपड़ा होता है, जिसे बाबा श्याम हर समय अन्तःवस्त्र के रूप में धारण किए रहते हैं। इसकी लंबाई सामान्यतः एक से सवा मीटर तक होती है। बागा दो प्रकार का होता है:

  • बाहरी बागा
    बाहरी बागा वह वस्त्र होता है, जिसे बाबा श्याम अपने श्रृंगार के रूप में धारण करते हैं। यह रोज़ बदला जाता है और विभिन्न रंगों व डिज़ाइनों में होता है। धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व नहीं है, क्योंकि यह केवल श्रृंगार का एक हिस्सा है।
  • अंदरूनी बागा
    अंदरूनी बागा वह वस्त्र होता है, जिसे बाबा श्याम अंतःवस्त्र के रूप में पहनते हैं। यह पीले या बसंती रंग का सादा वस्त्र होता है, जिसे रोज़ नहीं बदला जाता। बसंत पंचमी के दिन यह वस्त्र बदला जाता है और पूरे वर्ष बाबा श्याम इसे धारण किए रहते हैं। धार्मिक दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसे पाने वाले भक्त की किस्मत बदलने की मान्यता है।
श्याम जी के बागा का धार्मिक महत्व

ऐसा माना जाता है कि बागा का एक छोटा सा टुकड़ा भी प्राप्त करने से व्यक्ति पर बाबा श्याम की विशेष कृपा बनी रहती है। यह वस्त्र भाग्य, सफलता, संतान सुख, व्यापार वृद्धि, नौकरी और जीवन की शांति के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

भक्त मानते हैं कि बागा के रूप में स्वयं बाबा श्याम उनके पास आ जाते हैं। यह वस्त्र बसंत पंचमी के दिन बदला जाता है और इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।

कैसे पहनाया जाता है बाबा श्याम को बागा?

बसंत पंचमी के दिन बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया जाता है। इस अवसर पर:

बाबा के शीश को पंचामृत से स्नान कराया जाता है फिर अंतःवस्त्र के रूप में नया पीले रंग का बागा पहनाया जाता है।
इसके बाद, बाबा का श्रृंगार पीले फूलों से किया जाता है। हज़ारों भक्त इस पावन दृश्य के दर्शन के लिए उमड़ते हैं।

कैसे करें बागा का धारण?

यदि कोई भक्त सौभाग्य से बाबा श्याम का पवित्र बागा प्राप्त कर लेता है, तो उसे निम्नलिखित विधि से धारण करना चाहिए:

  • बागा के टुकड़े को पहले स्वच्छ जल से धो लें। यदि टुकड़ा बड़ा हो, तो इसे अन्य भक्तों में बाँट दें। (मान्यता है कि जितना अधिक बागा बाँटा जाएगा, बाबा श्याम की कृपा उतनी ही बढ़ेगी।
  • इस पवित्र वस्त्र को घर के मंदिर में रखें और श्रद्धा से प्रणाम करें।
  • इसे अंगूठी, लॉकेट, माला या अन्य धार्मिक रूप में धारण कर सकते हैं।

बाबा श्याम का अंदरूनी बागा भक्तों के लिए एक दिव्य आशीर्वाद माना जाता है। इसे पाने की इच्छा हर भक्त के मन में होती है और जो इसे प्राप्त करता है, वह अत्यंत सौभाग्यशाली माना जाता है। यह बागा न केवल बाबा श्याम की कृपा का प्रतीक है, बल्कि जीवन के हर संकट को दूर करने का भी एक आध्यात्मिक माध्यम है।

जय श्री श्याम!

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