लगन तुमसे लगा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
तुम्हे अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।।
कभी दुनिया से डरते थे,
छुप छुप याद करते थे।
लो अब परदा उठा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
लगन तुमसे लगा बैठें,
जो होगा देखा जाएगा।
तुम्हे अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।।
कभी यह ख्याल था दुनिया,
हमें बदनाम कर देगी।
शर्म अब बेच खा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
लगन तुमसे लगा बैठें,
जो होगा देखा जाएगा।
तुम्हे अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।।
खाटू श्याम जी का यह भजन अद्भुतीयता से भरपूर ईश्वर में पूर्ण विश्वास और आत्मा के गहरे जुड़ाव की सुंदरता को व्यक्त करता है।